आचार्य यास्क वाक्य
उच्चारण: [ aachaarey yaasek ]
उदाहरण वाक्य
- आचार्य यास्क ने निरूकत में ‘दूत ' शब्द का अर्थ संदेश वाहक या अनर्थ निवारक लिया है।
- निरूक्त शास्त्र संख्या में 12 बतलाए जाते हैं, लेकिन इस समय आचार्य यास्क प्रणीत एक मात्र निरूक्त उपलब्ध है।
- निरूक्त शास्त्र संख्या में 12 बतलाए जाते हैं, लेकिन इस समय आचार्य यास्क प्रणीत एक मात्र निरूक्त उपलब्ध है।
- निरूक्त शास्त्र संख्या में 12 बतलाए जाते हैं, लेकिन इस समय आचार्य यास्क प्रणीत एक मात्र निरूक्त उपलब्ध है।
- इसी प्रसंग को आचार्य यास्क ने अपने निरूक्त ग्रन्थ में उठाकर उसके समाधान में एक व्यावहारिक युक्ति प्रस्तुत की है।
- रहस्यदर्शियों ने इस काया को ही घट बतलाया है और आचार्य यास्क ‘जल ' का अर्थ कर्म करते है-‘आपो वै कर्म'।
- आचार्य यास्क ने अपने निरुक्त के दैवतकाण्ड में लिखा है-‘ देवो दानाद् वा दीपनाद् वा द्योतनाद् वा '-(3 ।
- रहस्यदर्शियों ने इस काया को ही घट बतलाया है और आचार्य यास्क ‘ जल ' का अर्थ कर्म करते है-‘ आपो वै कर्म ' ।
- आचार्य यास्क और सायणाचार्य ऋग्वेद के प्रारम्भ में अग्नि की स्तुति का कारण यह बतलाते हैं कि अग्नि ही देवताओं में अग्रणी हैं और सबसे आगे-आगे चलते हैं।
- आचार्य यास्क और सायणाचार्य ऋग्वेद के प्रारम्भ में अग्नि की स्तुति का कारण यह बतलाते हैं कि अग्नि ही देवताओं में अग्रणी हैं और सबसे आगे-आगे चलते हैं।
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